आईआईटी पटना ने माइनस 19 डिग्री तापमान में भी काम करने वाले बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम तथा लिथियम बैट्री चालित सूटकेस इन्वर्टर की सौगात देश को दी है। देश में अपनी तरह का पहली बार विकसित किया गया इन्वर्टर अगले महीने से लोगों को बिक्री के लिए भी उपलब्ध होगा।
महज छह से 15 किग्रा वजनी सूटकेस इन्वर्टर की लांचिंग केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय व नवीकरणीय मंत्रालय के मंत्री आरके सिंह ने की। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अनुसंधान अवसंरचना तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने के विषय पर आयोजित कार्यशाला में आईआईटी पटना द्वारा विकसित किए गए देश की पहली इन्वर्टर बैटरी को देश के लिए समर्पित किया गया। अगले महीने से सूटकेस इन्वर्टर आम लोगों के लिए भी उपलब्ध हो जाएगा।
सात साल तक चलेगी बैटरी
इस इन्वर्टर बैटरी की खासियत है कि यह लद्दाख जैसी जगह में माइनस 19 डिग्री में भी काम करेगी। इसकी बैटरी सामान्य बैटरी की तुलना में अधिक समय तक चलेगी। इसकी उम्र करीब सात साल तक होगी। आम बैटरी की तुलना में इससे खतरनाक फ्यूम्स नहीं निकलेंगे। वहीं, इसकी बैटरी में पानी डालने की भी जरूरत नहीं होगी।
इसके बीएमएस, ट्रांसफॉर्मर और सर्किट मेड इन इंडिया हैं। इसकी बैटरी भी जल्द ही भारत में बनने लगेगी। आईआईटी के विशेषज्ञ लिथियम इओन बैटरी बनाने की तैयारी में जुटे हैं। सूटकेस इन्वर्टर के निर्माण में आईआईटी के प्रो. एके ठाकुर के निर्देशन में अभिजीत कुमार, सौरभ बाबू, राधेश्याम, पुलि सनी बाबू, अभिषेक कुमार रंजन ने मेहनत की है।
चार वेरिएंट में इन्वर्टर
आईआईटी द्वारा देश को समर्पित सूटकेस इन्वर्टर चार वंरिएंट में होगा। 250 वीए, 500 वीए, 850 वीए और 1000 वीए के वेरिएंट में लोग इसको ले सकते हैं। इसकी कीमत 9 हजार से 29 हजार के बीच होगी।