हो-हल्ला के बाद पुलिस बुलानी पड़ी
सिविल सर्जन ने कहा-अभ्यर्थियों से ज्यादा उनके परिजनों की भीड़ से परेशानी
गया। निज संवाददाता
जिले में 1395 शिक्षक चयनित हुए हैं। अब स्कूलों में योगदान देने के पूर्व इन्हें मेडिकल प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। इसके लिए शुक्रवार को जेपीएन अस्पताल में शिक्षकों की भीड़ उमड़ पड़ी। इनलोगों के लिए जिले के जयप्रकाश नारायण अस्पताल में प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है।
प्रमाण पत्र बनाने में छुट रहे पसीने
अचानक सैकड़ों शिक्षकों के अस्पताल में आ जाने से यहां की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी। चयनित शिक्षकों ने कहा कि सिविल सर्जन की ओर से इसके लिए कोई विशेष तैयारी नहीं की गयी थी। इसके कारण उन्हें परेशानी हो रही है। मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए काउंटर की संख्या अधिक रखनी चाहिए थी।
दूर-दराज से आये लोग अधिक हो रहे परेशान
लोगों ने कहा कि वह दूर से बस और ट्रेन से आ रहे हैं। उन्हें एक दिन में प्रमाण पत्र ना मिलकर कई दिन चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। शुक्रवार को सिविल सर्जन डा. कमल किशोर राय ने उस कक्ष का निरीक्षण किया, जहां प्रमाण पत्र के लिए जांच की जा रही थी। सिविल सर्जन ने निर्देश दिया कि किसी भी अभ्यर्थी को परेशानी नहीं हो। अगर किसी कर्मी के खिलाफ पैसा लेकर प्रमाणपत्र बनाने की शिकायत आती है तो उन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। इस दौरान आरबीएसके के डा. विनय कुमार मिश्रा भी मौजूद रहे।
कहते हैं सिविल सर्जन
अभ्यर्थी से अधिक उनके परिजनों की अस्पताल परिसर में भीड़ है। इनके कारण कार्य करने में कर्मियों को परेशानी हो रही है। अभ्यर्थियों की भीड़ व हंगामा करने को लेकर कोतवाली थाना की पुलिस को भी बुलाया गया।
– डा. कमल किशोर राय, सिविल सर्जन गया।