12 घंटे से कर रहे इंतजार
इमामगंज। एक संवाददाता
प्रखण्ड के रानीगंज के रहने वाले डॉ द्वारिका प्रसाद की बेटी अनामिका कुमारी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। चार दिनों से यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे जंग में फंसी हुई है।
भारत सरकार ने यूक्रेन के केवी में फंसे छात्र-छात्राओं को हंगरी बॉर्डर से अपने देश लाने का निर्देश मिलते ही दर्जनों छात्र छात्राएं एक हजार किलोमीटर दूर यूक्रेन के अंतिम बॉर्डर हंगरी पहुंच गए हैं।
वहां से एयरपोर्ट जाने के लिए दो सौ किलोमीटर और दूरी है। वहां जाने के लिए उन्हें 12 घण्टे से ट्रेन नहीं मिल रही है। सभी छात्र-छात्राएं स्टेशन पर ही भूखे प्यासे बैठे हैं। कीव यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले सभी मेडिकल छात्र-छात्राओं को तीन दिनों से एक बैंकर में रखा गया था।
रानीगंज की मेडिकल छात्रा अनामिका कुमारी के मम्मी-पापा व बहन डॉक्टर अपराजिता गोल्डन एक-एक घण्टे पर बात करने की कोशिश करते हैं। अनामिका सिर्फ इतना कहती है कि हम ठीक हैं।
अनामिका के माता, पिता व बहन, यूक्रेन पर हो रही बमबारी से काफी चिंतित हैं। अनामिका ने रविवार को बताया कि भारत सरकार के निर्देश के बाद कीव में बैंकर में रह रहे सभी भारत के मेडिकल छात्र यहां निकल कर हंगरी आ गए हैं। यहां से हमलोगों एयरपोर्ट जाने के लिए ट्रेन नहीं मिल रही है।
सूखा पैकेट से जान बचा रहे है। यूक्रेन की स्थित और हालत को टीबी पर देखकर अनामिका के माता, पिता, बहन सहित पूरे परिवार काफी चिंतित है। परिजन भी भोजन पानी छोड़कर बेटी को भारत आने का इंतजार कर रहे हैं। किसी तरह से जान बचाने भर खाना खा रहे हैं।